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सत्य का गहरा व सूक्ष्म स्मरण || आचार्य प्रशांत, संत मलूक दास पर (2014)

2019-11-24 0 Dailymotion

वीडियो जानकारी:<br /><br />शब्दयोग सत्संग<br />३ सितम्बर २०१४<br />अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा<br /><br />दोहा:<br />सुमिरन ऐसा कीजिए, दूजा लखे न कोय |<br />ओठ न फरकत देखिए, प्रेम राखिए गोय || (संत मलूकदास)<br /><br />प्रसंग:<br />सत्य की याद दुःख में ही क्यों सताती है?<br />सत्य को निरंतर कैसे याद रखें?<br />झूठ से आसक्ति कैसे हटायें?<br />संतों के क़रीब आने का क्या तरीका है?

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